राहुल चौधरी ने बताया की पहले वे डिफेंडर की तौर पर राइट कार्नर कबड्डी खेला करते थे। जब प्रैक्टिस के वक्त रनिंग करते थे तो कोच ने उन्हें हैंड टच और बाकी रेडर की स्किल्स सिखाई फिर राहुल डिफेंडर से रेडर बन गए।
अजय ठाकुर जी मुझे महराष्ट्र के पनवेल में हो रही एक नेशनल टूनामेंट में अपने साथ कॉन्ट्रैक्ट बेस पर खेलने लेके गये थे। वह पर बोहोत ही अच्छी टीम्स और खिलाडी थे। लेकिन मैंने भी अच्छा प्रदर्शन किया था। अजय जी ने कहा तुम्हे बेस्ट रेडर का किताब मिलेगा तो मैंने कहा नहीं आप बोहोत अच्छा खेले है आपको ही मिलेगा। जब स्टेज पर बेस्ट रेडर अजय जी को चुना गया तो मैंने सोचा की ये मेरे साथ नाइंसाफी हुई है। लेकिन अजय जी ने स्टेज पर कहा जी मुजसे अच्छा राहुल खेला है। अजय ठाकुर ने मुझे स्टेज पर बुला कर 25 हजार का इनाम मुझे दे दिया। मैंने कहा जी आप भी अच्छे खेले हो बक्षिस आधी आधी बाँट लेते है तो उन्होंने हाका नहीं तुम पूरी बक्षिस रख लो। ऐसे राहुल चौधरी ने बताया।
राहुल चौधरी ने ये भी बताया की बाकी खिलाडी उन्हें अजय ठाकुर का भाई समझते थे। कहते थे की अजय ठाकुर अपने भाई को लेकर आया है। तब अजय ठाकुर बताते थे की नहीं ये यूपी से है। राहुल ये भी कहा की "अजय जी के लिए जान भी हाजिर है। "
राहुल चौधरी ने बताया की उन्हें जब कबड्डी की सुरवात की तब घर से सपोर्ट नहीं मिलता था घर वाले डाँटते थे और कभी कभी खाना भी नहीं मिलता था। लेकिन बड़े भाई हमारा साथ देते थे।
राहुल ने जो भी खिलाडी हो या आप कोनसे सा भी काम करना चाहो तो उसपे ऐसी मेहनत करो इतनी प्रैक्टिस करो की लोग कहे ये पागल हो गया है। राहुल ने कहा की "हमारे वक्त में ज्यादा सुविधा नहीं होती थी। हमें बड़े खिलाड़ियोंके वीडियो नहीं मिलते थे देखने को लेकिन अब सोसिअल मीडिया पर बोहोत सारी कबड्डी प्लेयर्स की स्किल्स की वीडियो बड़ी आसानीसे मिल जाती है। उन्हें देख कर आप प्रैक्टिस करो और जो भी करना है उसमे अपना सौ प्रतिसद दो तुम कामयाब जरूर होंगे।"
राहुल चौधरी इन दिनों में लोकडाउन के चलते अपने घर पर ही है और अपने परिवार के साथ खेती के काम में हात बता रहे है। राहुल ने सभी से कहा की घर पर रहे और सुरक्षित सरकार जो कह रही उसका पालन करे।
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